मेरी कहानियाँ

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आर्टिस्ट -सुधा भार्गव ,बिना आर्टिस्ट से पूछे इस चित्र का उपयोग अकानून है।

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016

मेरी कविता



तुझसे प्यार करूँ
                                         सुधा भार्गव 
मन करता है साथ रहूँ
जितना फैला आसमान है
उतना तुझसे प्यार करूँ !

गीतों में भावों की लड़ियाँ
पांवों में हो पायल की झंकार
आँचल में हों चाँद- सितारे
धड़कन में हो तेरी याद !

मन करता है साथ रहूँ
जितना गहरा नील समुन्दर
उतना तुझसे प्यार करूँ !

उठती -गिरती लहरों के दर्पण में
छवि तेरी निरख -निरख
शांत भाव से खड़ी किनारे
आंखों के कर लूँ बंद कपाट !

मन करता है साथ रहूँ
जितनी हरीतिमा धरती पर
उस जैसा तुझसे प्यार करूँ !

वासंती स्वप्नों की दुनिया में
तितली बन मकरंद पिऊ
झरती बूंदों की ठप -ठप पर
विरहा नागिन सा नृत्य करूँ !

मन करता है साथ रहूँ
जितना फैला आसमान है
उतना तुझसे प्यार करूँ !

समाप्त

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